Page 45 - दिल्ली नगर निगम पत्रिका 'निगम आलोक-2024'
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अपना माग्ष बनाना िै ।






                                      जग िें तुिको नहीं है रुकना बस िलते हरी जाना है ।

                                      नहीं है र्कना नहीं है डरना अपना िागमा बनाना है ।

                                   यह ित सोिो कल कया होगा तुि बस अपना किमा करो ।

                                      जो होगा वह अच्ा होगा नहीं दकसरी से कभरी डरो ।

                                   सब क ु ् कर सकते हो तुि यह िुदनया को दिखलाना है ।

                                      नहीं है र्कना नहीं है डरना अपना िागमा बनाना है ।
                                      कोदशश करने वालों की ना हार कभरी भरी होतरी है ।


                                        जो गहरे सागर िें जाता दिले उसरी को िोतरी है ।
                                        जो साहस करता िुदनया िें पू्े उसे जिाना है ।

                                      नहीं है र्कना नहीं है डरना अपना िागमा बनाना है ।

                                     क ु ् भरी िुदशकल नहीं है जग िें जो िाहे वह संभव है ।

                                    िेहनत से सब क ु ् दिलता है बड़े बड़ों का अनुभव है ।

                                      िेहनत से सब क ु ् संभव है यहरी िंरि अपनाना है ।

                                      नहीं है र्कना नहीं है डरना अपना िागमा बनाना है ।

                                     करतकरत अभयास के  जड़िदत सुजान हो सकता है ।

                                    एक सािारण सा बालक अबिुल कलाि हो सकता है ।

                                     जग िें अपना नाि बनाकर िुदनया को दिखलाना है ।

                                      नहीं है र्कना नहीं है डरना अपना िागमा बनाना है ।

                                       िुलमाभ िानव जन्ि दिला है उसको ना बबामाि करें ।

                                       किमा करें हि जग िें ऐसा जाने पर सब याि करें ।

                                       अंत सिय िें किमा रहेंगे बाकी सब दिट जाना है ।

                                      नहीं है र्कना नहीं है डरना अपना िागमा बनाना हैद्

                                                                                                     प्रलीवत रमा्ष

                                                                                                     अधयादपका




                                                                            fuxe vkyksd ¼o"kZ&2024½        45
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